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Bhuvnesh Singhal

वरिष्ठ कवि व साहित्यकार भुवनेश सिंघल ‘भुवन’ देश के असाधारण प्रतिभा के एक ऐसे उर्जावान कवि हैं जिन्होनें अपना जीवन इस राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। जिनका समर्पण व चिन्तन उनकी रचनाओं में, उनकी कविताओं में और उनके आलेखों में साफ-साफ दिखाई देता है। कवि होने के साथ ही आप एक आयोजक, संयोजक व शानदार मंच संचालक भी हैं। आपने अनेक राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों व केन्द्रीय मंत्रियों की उपस्थिति के मंचों का संचालन अत्यंत सफलतापूर्वक किया है और उनकी विशेष सराहना प्राप्त की है। आप देशभर में कवि सम्मलनों का संयोजन भी करते हैं। भुवनेश सिंघल ने यूं तो हर दिशा में अपनी लेखनी को चलाया है फिर चाहे वह हास्य हो, व्यंग्य हो, करूणा हो, श्रंगार हो, प्रेम हो, संवेदना हो, नारी सशक्तिकरण हो या मात-पिता के प्रति समर्पण हो। इन सभी विषयों पर सैकडों कविताओं की रचना की है। मगर सिंघल ने अपनी कलम को सबसे अधिक राष्ट्रप्रेम पर चलाया है। मगर सिंघल को देश भर में मुख्य रूप से वीर रस के उर्जावान व संस्कारवान कवि होने का गौरव प्राप्त है। सिंघल ने देश भर के सैकड़ों सरकारी व गैर सरकारी आयोजनों में काव्य पाठ कर लोगों को देशप्रेम का पाठ पढ़ाया है और श्रोताओं का अपार स्नेह हासिल किया है। भुवनेश सिंघल को बहुत कम आयु में देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित लाल किले के गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में काव्य पाठ करने का सौभाग्य प्राप्त है। आपने 16 जनवरी 2015 & 29.1.2022 को लाल किले से काव्य पाठ कर न केवल परिवार का बल्कि अपने क्षेत्र का भी नाम रोशन किया है। सिंघल की यह यात्रा देश भर के लगभग प्रत्येक राज्य से होने हुए देश की संसद भवन तक में अनवरत जारी है। भुवनेश सिंघल आज वीर रख व व्यंग्य के उन प्रथम पिंक्त के कवियों में शुमार हैं जो आज काव्य मंचों की विशेष मांग बने हुए हैं। आपने देश के प्रथम पंक्ति के लगभग सभी कवियों के साथ मंचीय काव्य-पाठ किया है। आप देश के अनेक राज्यों के टी.वी चैनल्स, रेडियो आकाशवाणी, एफ.एम. रेडियो, आदि पर अनेकों बार काव्य पाठ कर चुके हैं। आपने लगभग सभी प्रमुख नामी न्यूज चैनलों पर भी काव्य पाठ किया है।  देश के लगभग सभी राष्ट्रीय समाचार पत्रों में आपकी कविता की पंक्तियां शीर्षक के रूप में सैकड़ों बार प्रकाशित हो चुकी हैं। आप हिंदुस्तार टाइम्स व दैनिक जागरण के विशेष प्रतिभा स्पेशल में असाधारण प्रतिभा व प्रेरणामयी व्यक्तित्व के रूप में विशेष कवरेज हासिल कर अपने क्षेत्र का नाम पूरे देश में रोशन कर चुके हैं। आपके इन्टरव्यू अनेक समाचार पत्रों, पत्रिकाओं व टीवीचैलनों और रेडियो चैनलों पर आ चुके हैं। वर्ष 1993 से निरंतर देश के लगभग सभी प्रमुख समाचार पत्रों में अनेकां बार आपकी कविताएं, लेख व फीचर्स आदि प्रमुखता से प्रकाशित हो चुके हैं। इसके साथ ही आप देश के अनेक राज्यपाल, केन्द्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राज्य मंत्रियों, सांसदों व वरिष्ठ साहित्यकारों आदि के द्वारा सरकारी व गैर-सरकारी संस्थाओं के मंचों से अनेकानेक सम्मान देशभर में प्राप्त कर चुके हैं। राज्यपाल से लेकर मंत्रियों तक के विशेष अतिथि बनने का अवसर आपको अक्सर प्राप्त होता रहता है। आप इस आयु के ऐसे इकलौते कवि हैं जो अपनी प्रतिभा के बल पर देश के अलग-अलग 3 महामहित राष्ट्रपति से एक दर्जन से अधिक बार व्यक्तिगत भेंट व वार्तालाप कर चुके हैं। राष्ट्रपति को अपनी स्वरचित पुस्तकें अनेक बार भेंट कर उनकी विशेष प्रशंसा प्राप्त करने वाले एक असाधारण कवि व साहित्यकार हैं।

कवि होने के साथ ही आप एक आयोजक, संयोजक व शानदार मंच संचालक भी हैं। आपने अनेक राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों व केन्द्रीय मंत्रियों की उपस्थिति के मंचों का संचालन अत्यंत सफलतापूर्वक किया है और उनकी विशेष सराहना प्राप्त की है। आप देशभर में कवि सम्मलनों का संयोजन भी करते हैं। आपने अनेक सरकारी व गैर सरकारी कम्पनियों व संस्थाओं के मंचों पर देश के नामी कवियों को बुलवाकर सफल कवि सम्मेलनों का संयोजन भी किया है। आप आयोजक के रूप में भारतीय राजनीति के शिखर पुरूष भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल जी को समर्पित ‘अटल कवि सम्मेलन’ व ‘अटल सम्मान समारोह’ का आयोजन प्रत्येक वर्ष संसद भवन athwa vigyan bhawanमें करते हैं जो देश का एक अत्यंत स्तरीय राष्ट्रीय कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह है। आपके संयोजन व संचालन में भजन गायक श्री नरेन्द्र चंचल, पद्मश्री मालिनी अवस्थी, अभिनेत्री अमीषा पटेल, नृतकी नलिनी-कमलनी, गायक कुमार विशु, शंकर साहनी, अभिनेता पवन राज मल्होत्रा, नृतक पुल्कित मिश्रा, लवगुरू राहुल माकिन, अभिनेता उत्तर कुमार, मनोज बख्शी सहित देश के अनेक बड़े कवि व साहित्यकार आदि बड़े कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी है। आप ‘अनहद काव्य-धारा’ काव्य मंच द्वारा देश के प्रतिभावान व छिपी हुई प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए निरंतर प्रत्येक माह मंच प्रदान कर उनको समाज की मुख्यधारा से जोड़ रहे हैं और अब तक हजारों कवियों को मंच प्रदान कर लाल किला जैसे देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन तक में उनको पहुचाने में सहायक सिद्व हो चुके हैं।

आप वर्ष 2008 से ऑल इण्डिया वैभव वेलफेयर सोसाइटी (रजि.) के माध्यम से संस्थापक अध्यक्ष के रूप में निरंतर रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य शिविर, शिक्षा सामग्री वितरण शिविर, बाढ़ राहत शिविर, एड्स जागरूकता अभियान, बुजुर्ग व प्रतिभा सम्मान समारोह पौधारोपण अभियान, वृक्ष बचाओ अभियान, नदी बचाओ अभियान आदि अनेक समाज सेवा के कार्यों में समर्पित रहने के साथ-साथ हिंदी भाषा व हिंदी भाषी प्रतिभाशाली कवियों को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से ‘‘अनहद...काव्य-धारा’’ का मासिक आयोजन क्षेत्र से लेकर संसद भवन तक में कर रहे हैं। जिसमें वरिष्ठ कवियों की उपस्थिति में युवा प्रतिभाशाली कवियों को काव्य पाठ का अवसर देना और उनमें राष्ट्रवाद की भावना का विस्तार करना प्रमुख है। आप स्कूल-कॉलेजों व अन्य स्थानों में आयोजन कर अब तक हजारों प्रतिभाओं को मंच प्रदान कर समाज की मुख्य धारा से जोड़ चुके हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव
बाल्यकाल से स्वयंसेवक, वर्ष 1991 में संघ प्रवेश किया। संघ की विचारधारा से प्रभावित हो राष्ट्र के प्रति और राष्ट्र के अपने सभी भाई-बहनों के प्रति समर्पित रहने का भाव स्थायी रूप से हृदय में धारण किया। संघ को समर्पित अनेक कविताओं की रचना व काव्य पाठ। प्राथमिक वर्ग शिक्षित।

संस्थाओं में जुड़ाव
अनेक सामाजिक संस्थाओं व धार्मिक संस्थाओं में पदाधिकारी के रूप में जुड़ाव। मंदिर समितियों, उत्सव समितियों, रेजीडेंस वेलफेयर एसोसिएशन्स व अन्य संगठनों के माध्यम से सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजनों में सक्रिय भूमिका।


नाम             :    भुवनेश सिंघल ‘‘भुवन’’
पिता                 :      स्व. श्री नत्थीमल अग्रवाल
माता                 :     श्रीमती शकुन्तला देवी
वर्तमान निवास   :    भजनपुरा, दिल्ली-110053
पैतृक-निवास      :   1262, सुनपुरा ग्राम, थाना बादलपुर, तहसील दादरी, जिला गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश
जन्म-तिथि         :   13 जुलाई 1979
शैक्षणिक योग्यता :   बैचलर ऑफ आर्ट्स दल्ली विश्वविद्यालय  (प्र.व., डिप्लोमा इन रिपोर्टिंग एण्ड मास कम्यूनिकेशन
सम्प्रति                :   मंच संचालक, कवि-साहित्यकार व प्राकृतिक चिकित्सक

Vice-President :  School Management Commettee, Education Ministry, state Govt.



                               प्रकाशित पुस्तकें :
काव्य  पुस्तकें :
1. सदियों के बाद     -    2000
2. दशावतार            -    2010 (क्षेत्रीय नेताओं व वरिष्ठ साहित्यकारों द्वारा लोकार्पण)
3. अग्नि परीक्षा       -    2011 (क्षेत्रीय नेताओं व वरिष्ठ साहित्यकारों द्वारा लोकार्पण)
4. ये जरूरी था         -    2014 (प्रगति मैदान में देश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों द्वारा लोकार्पण)
5. गौ-चालीसा         -    2015 (हिन्दी के अतिरिक्त कन्नड़ व अंग्रेजी में ट्रांसलेट)
5. कन्नड़ भाषी गौ-चालीसा -    2015 (संसद भवन में  मुख्यमंत्री, राज्यपाल, केन्द्रीय मंत्री, फिल्मी कलाकारों व साहित्यकारों आदि द्वारा लोकार्पित) तथा डॉ. सुनील परिट कर्नाटक निवासी द्वारा ट्रांसलेट।



गद्य पुस्तकें :
1. अमरनाथ बर्फानी              -    2013 (पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ राजनीतिज्ञों द्वारा लोकार्पण)
2. रसोई से राजपथ तक         -    2013 (देश की प्रथम राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल द्वारा पुणे में लोकार्पण)
3. आजादी का इतिहास          -    2013 (देश के वरिष्ठ साहित्यकारों द्वारा हिंदी भवन में लोकार्पण)
4. राष्ट्रगान और तिरंगे का इतिहास- 2013 (देश के वरिष्ठ साहित्यकारों द्वारा हिंदी भवन में लोकार्पण)
5. मीडिया फीचर्स                 -    2014 (निगम मुख्यालय श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविक सेन्टर में सांसद, महापौर,
                                                             वरिष्ठ राजनीतिज्ञों, वरिष्ठ साहित्यकारों व  वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा लोकार्पण)
6. नमो-राष्ट्रपुत्र                    -   2015 (प्रगति मैदान में केन्द्रीय मंत्री द्वारा लोकार्पण)



एलबम्स :
1. गऊ-गाथा      :   2014 (सुप्रसिद्ध गायक नीरज कपूर) उर्दूघर में लोकार्पण
2. गौ-चालीसा    :    2016 (बॉलीवुड गायक कुमार विशु) विश्व पुस्तक मेला प्रगति मैदान में लोकार्पण
3. मोदी गान      :    2014 (चलो चलें मोदी के साथ) गायन व संगीत निखिल एवं संतोष टण्डन

कैलेण्डर :

1. कैलेण्डर         :    2015 (आर्ट सिटी इण्डिया द्वारा भुवनेश सिंघल की कृति गौ-चालीसा पर जारी) सिविक सैंटर में लोकार्पण
2. कैलेण्डर         :    2016 (आर्ट सिटी इण्डिया द्वारा भुवनेश सिंघल के व्यक्तित्व व कृतित्व पर जारी) संसद भवन में लोकार्पण

संपादित पुस्तकें :
1. भावांजलि                   -    2011
2. काव्य-उपवन              -    2013 (हिंदी भवन में लोकार्पण)
3. गीत अटल हैं               -    2016 (संसद भवन में लोकार्पण)
4. अटल स्मारिका 1एवं 2-    2016 (संसद भवन में लोकार्पण)
5. अटल स्मारिका 3        -    2017 (संसद भवन में लोकार्पण)
6. अटल स्मारिका 4        -    2018

7. स्मृतियां अटल हैं         -    2018 संसद भवन में लोकार्पण

संयुक्त काव्य पुस्तकें :
1. आवाज                       -    2011
2. भावांजलि                   -    2011
3. काव्य-उपवन              -    2013
4. काव्यांकुर                   -    2015

मोस्ट पोपुलर बुक्स :
1. गौ-चालीसा
2. गीत अटल हैं
3. नमो-राष्ट्रपुत्र
4. ये जरूरी था
5. मीडिया फीचर्स

6. स्मृतियां अटल हैं